हौज़ा/ यह आयत हमें सिखाती है कि हमें दुनिया में गुमराह लोगों का समर्थन करने और उनके लिए झूठे तर्क पेश करने से बचना चाहिए। हमें अपने कार्यों की जिम्मेदारी लेनी चाहिए और परमेश्वर के प्रति जवाबदेह…
हौज़ा / मरना या मारा जाना, चाहे ईश्वर के रास्ते पर हो या दूसरों के रास्ते पर, ईश्वर के पास जाना है, न कि विनाश कीओर।