हौज़ा / कुछ ग़लत नज़रिए, जो औरतों से मख़सूस नहीं हैं, मर्द भी कभी कभी उन्हीं मतों का पालन करते हैं और यह कहना चाहते हैं कि आइये इस तराज़ू (के पलड़ों) की चीज़ें (मर्द और औरत के रोल) आपस में बदल…
हौज़ा / मुसलमान घरानों में एक दूसरे से जुड़ी हुई और आपस में एक दूसरे को हक़ और सब्र की नसीहत करने वाली इकाई मौजूद है। क़ुरआन कहता है कि ऐ ईमान वालो! अपने आपको और अपने परिवार के लोगों को जहन्नम…
हौज़ा / एक स्थिर और मजबूत परिवार ही स्वस्थ समाज की नींव होता है। जब परिवारों में एकता, प्रेम और सहयोग की भावना कमजोर पड़ती है, तो समाज में अराजकता, अनैतिकता और अपराध जैसी बुराइयाँ फैलने लगती…