हौज़ा/जो इंसान किसी गुनाह में गिरफ़्तार हो जाए, तो वह गुनाह इस बात का सबब बनता है कि इंसान इताअत से हाथ धो बैठे, यानी अल्लाह की इताअत पर साबित क़दम भी न रहे, इंसान से अल्लाह तौफीक छीन लेता है…