पार्थिव शरीर
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'छात्र' का अर्थ है इमाम ज़माना (अ) के लिए अपना जीवन समर्पित करना
हौज़ा / हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन आलमज़ादा नूरी ने कहा: जब कोई व्यक्ति छात्र बन जाता है, तो इसका मतलब है कि उसने अपना जीवन इमाम ज़माना (अ) को समर्पित कर दिया है और उसने अपना कौशल, कलम, शरीर आदि सभी ईश्वर के मार्ग में दे दिया है।
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शरई अहकामः
किसी मुस्लिम के शव के पोस्टमॉर्टम का क्या हुक्म है?
हौज़ा | आयतुल्लाह खामेनई: जायज़ नहीं है मगर किसी की नेजात इस पर निर्भर हो या इस्लामी देश की चिकित्सा ज़रूरतें इसके बिना पूरी न हों और कुछ मामलों में ज़रूरत हो। आयतुल्लाह सिस्तानी: यह किसी भी परिस्थिति में जायज़ नहीं है।
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शरई अहकाम:
वो मक़ामात जहां नमाज पढ़ने वाले का शरीर या कपड़े पाक होना जरूरी नहीं है
हौज़ा / ईस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह सय्यद अली ख़ामेनई ने उन मक़ामात से संबंधित जहा नमाज़ पढ़ने वाले का शरीर और कपड़े पाक होने के बारे मे पूछे गए सवाल का जवाब दिया है।
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आयतुल्लाह अल्वी गुरगानी के अंतिम संस्कार की विदाई क्रिया का कुम में आयोजन
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा अल्वी गुरगानी के पार्थिव शरीर के साथ विदाई क्रिया कर्म दिवंगत के घर पर आयोजित हुआ और उसके बाद क़ुम की मस्जिदे इमाम हसन अस्करी (अ.स.) मस्जिद में दफन क्रिया शुरू हुई।
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आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद मोहम्मद सईद हकीम की शव यात्रा और अंतिम संस्कार का विवरण उनके बेटे की ज़बानी
हौज़ा / आयतुल्लाह हकीम के बेटे हुज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लेमीन सैयद रियाज़ हकीम की बात चीत हौजा न्यूज़ एजेंसी के प्रतिनिधि के साथ। जिसका विवरण इस प्रकार है: