हौज़ा / यह दिन हमसे सवाल करते हैं: क्या हमने बी बी ज़हरा के नक़्शे क़दम पर चलने की कोशिश की? क्या हमने अपने दिल को उस मोहब्बत और कुरबानी के जज़्बे से सजाया जो बी बी की ज़िंदगी का ख़ास था?