फलक छौलसवी
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आयतुल्लाह साफ़ी गुलपायगानी के स्वर्गवास का गहरा दुख हुआ ः मौलाना सैयद ग़ाफ़िर रिज़वी
हौज़ा / बहुत दर्द होता है जब किसी मोमिन की मौत की खबर मिलती है और जब कोई मुजतहिद और अगर दुनिया को अलविदा कहने वालो कोई फकीह हो तो हर जागरूक व्यक्ति समझ सकता है कि वह कितना दुखी होगा।
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बूस्ताने फ़लक का बाबे ग़म तैयार है
हौज़ा / हुज्जतुल-इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना सैयद ग़ाफ़िर रिज़वी फ़लक छौलसी के अथक प्रयास से मुहर्रमुल हराम 1443 हिजरि की मुनासेबत से ग़मो अन्दोह मे डूबा हुआ नौहा, सलाम और ग़मग़ीन क़तआत का मजमूआ बूस्ताने फ़लक बाबे ग़म तैयार हो गया है।
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अशरा ए करामत की करामते
हौज़ा / अशरा ए करामत ईरान मे बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, इसका मतलब यह नहीं है कि यह अशरा ईरान के लिए अद्वितीय है, बल्कि दुनिया मे जहा जहा भी हैदरे कर्रार के मानने वाले है उन सभी का कर्तव्य है, कि वे इस शुभ अवसर पर आनन्दित हों और दुनिया के लोगों को साबित करें कि यह हमारी ईद में से एक है जो दस दिनों तक मनाई जाती है।