हौज़ा/हज़रत फ़ातिमा ज़हेरा स.अ. में सिर्फ वाजिब और हराम यानी अहकाम को नहीं बयान किया गया है बल्कि भविष्य में इंसान की ज़िंदगी में क्या होने वाला है कैसे हालात पेश आने वाले हैं और कौन सी घटनाएं…