फित्ना और फसाद
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इत्रे क़ुरआनः सूर ए नेसा !
अल्लाह की रहमत का इरादा और ख्वाहिशाते नफ़्स का फ़ित्ना
हौज़ा/ यह आयत इंसानों के मार्गदर्शन, अल्लाह की दया और स्वयं की इच्छाओं का पालन करने के परिणामों पर जोर देती है।
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इत्रे क़ुरआनः
सूर ٰआले-इमरान: अवज्ञाकारी लोग उत्पात और फसाद मचाने के लिए ऐसी ही आयतों की तलाश में हैं
हौज़ा / समाज के विचार और आंदोलन की शुद्धता और सुदृढ़ता हृदयों की सुदृढ़ता पर निर्भर करती है। मोहकम आयात कुरआन की असल और बुनयाद है। मुताशाबेह आयात की व्याख्या और उन्हें समझने का स्रोत मोहकम आयात हैं। पवित्र कुरान की मजबूत आयतें एक-दूसरे से जुड़ी और सुसंगत हैं।
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सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह ख़ामेनईः
ईरान के मौजूदा हालात के बारे में कुछ अहम बिन्दु
हौज़ा / नौजवान लड़की की मौत से हमें भी दिली सदमा हुआ, बिना जाँच के रिएक्शन, दंगे करना, अवाम के लिए असुरक्षा पैदा करना, क़ुरआन, मस्जिद, हेजाब, बैंक और लोगों की गाड़ियों पर हमला स्वाभाविक रिएक्शन व आम बात नहीं, बल्कि यह पहले से नियोजित साज़िश का नतीजा है।
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:दिन की हदीस
फित्ना और फसाद के बारे में तीन बिंदु
हौज़ा/ हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में फित्ना और फसाद के बारे में तीन बिंदु की ओर इशारा किया है।