हौज़ा/इंक़ेलाब इस्लामी की 44 वीं सालगिरह और रजब के मुबारक दिनों के मौक़े पर बड़ी तादाद में क़ैदियों की सज़ा माफ़ या उसमें कमी कि गई हैं।