۱۸ تیر ۱۴۰۳
|۱ محرم ۱۴۴۶
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Jul 8, 2024
बदकार लोगों की महफिलों
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शरई अहकाम:
गाना गाना या कुरआन और दुआ को गाने की तरह पढ़ने का क्या हुक्म है?
हौज़ा / गाना यानी वह धुन और लहन जो बदकार लोगों की महफिलो से मखसूस हो जैसे गाना या संगीत वगैरा शरीयत मे हराम है और इसी तरह कुरान या दुआ को गाने बजाने के अंदाज में पढ़ना भी हराम है।