सोमवार 26 फ़रवरी 2024 - 11:21
गाना गाना या कुरआन और दुआ को गाने की तरह पढ़ने का क्या हुक्म है?

हौज़ा / गाना यानी वह धुन और लहन जो बदकार लोगों की महफिलो से मखसूस हो जैसे गाना या संगीत वगैरा शरीयत मे हराम है और इसी तरह कुरान या दुआ को गाने बजाने के अंदाज में पढ़ना भी हराम है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी ने पूछे गए सवाल का जवाब दिया है जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते है उनके लिए पूछे गए सवाल और उसके जवाब का पाठ बयान किया जा रहा है।

सवाल:गाना गाना या कुरआन और दुआ को गाने की तरह पढ़ने का क्या हुक्म है?

जवाब:गाना यानी वह धुन और लहन जो बदकार लोगों की महफिलो से मखसूस हो जैसे गाना या संगीत वगैरा शरीयत मे हराम है और इसी तरह कुरान या दुआ को गाने बजाने के अंदाज मे पढ़ना भी हराम है।

टैग्स

आपकी टिप्पणी

You are replying to: .
captcha