हौज़ा / बरजख और क़ियामत दोनों जगह इंसान से सवाल किए जाते हैं और उसका हिसाब-किताब होता है लेकिन इन दोनों जगहों के सवालों की प्रकृति, गहराई और मकसद बिल्कुल अलग होता हैं। यही फर्क इंसान की आखिरी…