बहारे कुरआन
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रमजान का पवित्र महीना अल्लाह के करीब आने और चरित्र बनाने का सबसे अच्छा ज़रिया, अल्लामा अशफाक वहीदी
हौज़ा / रौज़ा अहसास का नाम है। यदि कोई व्यक्ति रौज़ा भी रखता है लेकिन गरीब और जरूरतमंद लोगों की देखभाल नहीं करता, तो वह रोज़े के दर्शन (फलसफे) को समझ ही नहीं सका। रौज़ा केवल सहरी और इफ्तारी करने का नाम नही है बल्कि दूसरो को सहरी और इफ्तारी मे शरीक करने का नाम है।
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इस्लामी जगत "पवित्र रमजान" के महीने को रसूल और आले रसूल के जीवन और शिक्षाओं के मॉडल के रूप में बिताए, मौलाना तक़ी अब्बास रिज़वी
हौज़ा / रमजान का महीना खुदावंदे आलम ने साहेबाने इमान के लिए सआदत की कुंजी करार दिया है। यह वह मुबारक महीना है जो क़ुरबे खुदा का कारण है। यह महीना न केवल भूख और प्यास सहन करने का महीना नही है, बल्कि आत्म-जवाबदेही और आत्म-शुद्धि का भी महीना है। यह महीना समाज में सुधार, इबादत, बंदगी और पवित्र कुरान की तिलावत करने का महीना है।
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सबसे दुर्भाग्यपूर्ण और शापित व्यक्ति वह है जो रमजान के महीने को पाए और अपने पापों को..., आगा सैयद हसन मूसवी अलसफवी
हौज़ा / रमजान के महीने को पाने वाले व्यक्ति और अपने पापों को क्षमा नहीं करवा पाने वाले से अधिक कोई दुर्भाग्यपूर्ण नहीं है, इसलिए हर मुसलमान को पवित्र महीने के रहमतो और सआदतो से लाभ उठाने का हर संभव प्रयास करना चाहिए।