۱۵ تیر ۱۴۰۳
|۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 5, 2024
बहुदेवादी
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इत्रे क़ुरआन ! सूर ए आले इमरान
ओहोद की लड़ाई में मुसलमानों पर पछतावे और दुखों का आक्रमण अल्लाह के रसूल (स) के विरोध का परिणाम था
हौज़ा | बहुदेववादी क़ुरैश की लड़ाई से भाग रहे काफ़िरों के लड़ाकों की किसी को परवाह नहीं है। मुसलमानों द्वारा उहुद के युद्धक्षेत्र से बचने के कारण युद्ध में उनकी हार हुई।
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इस्लामी कैलेंडर: 28 रजबुल मुरज्जब 1442
हौज़ा / इस्लामी कैलेंडरः पैगंबर (स.अ.व.व.) बहुदेववादियों (मुशरेकीन) की वजह से मक्का से मदीना जाने के लिए मजबूर हुए। तो इमाम हुसैन (अ.स.) को उन मुशरेकीन और पाखंडीयो की संतानो की साजिश के कारण 28 रजब 60 हिजरी को मदीना छोड़कर मक्का और फिर इराक़ की ओर हिजरत करना पड़ी। ये मुशरेकीन और पाखंडीयो की मुशरिक और मुनाफिक संतान ही थी जिन्होने इमाम हुसैन (अ.स.) को शहीद करके कहाः काश बदर मे मार दिए गए हमारे पूर्वज आज जीवित होते और मेरे इस काम को देखते हुए कहते तेरे हाथ सलामत रहे।