हौज़ा न्यूज़ एजेंसी
بسم الله الرحـــمن الرحــــیم बिस्मिल्लाह अल-रहमान अल-रहीम
إِذْ تُصْعِدُونَ وَلَا تَلْوُونَ عَلَىٰ أَحَدٍ وَالرَّسُولُ يَدْعُوكُمْ فِي أُخْرَاكُمْ فَأَثَابَكُمْ غَمًّا بِغَمٍّ لِّكَيْلَا تَحْزَنُوا عَلَىٰ مَا فَاتَكُمْ وَلَا مَا أَصَابَكُمْ وَاللَّهُ خَبِيرٌ بِمَا تَعْمَلُونَ इज़ तोसाएदूना वला ततलूना अला अहदिन वर रसूलो यदऊकुम फ़ी उखराकुम गम्मल लेकैला तहज़नू अला मा फ़ातकुम वला मा असाबकुम वल्लाहो खबीरुम बेमा ताअमलून (आले-इमरान, 153)
अनुवाद: (उस समय को याद करो) जब तुम बेतहाशा दौड़ रहे थे और किसी की ओर मुड़कर भी नहीं देखते थे। हालाँकि पैगम्बर (PBUH) आपके पीछे से आपको बुला रहे थे। (तुम्हारे इसी व्यवहार के कारण) ईश्वर ने तुम्हें प्रतिफल के स्थान पर दुःख पर दुःख दिया। ताकि (भविष्य की) चीज़ें तुम्हारे हाथ से न छूटें, और जो मुसीबतें तुम पर पड़े, उस पर तुम शोक न करो। और अल्लाह तुम्हारे सारे कर्मों से भलीभांति परिचित है।
क़ुरआन की तफसीर:
1️⃣ बहुदेववादियों क़ुरैश के मुक़ाबले से भाग रहे काफ़िरों के लड़ाकों की किसी को परवाह नहीं।
2️⃣ मुसलमानों द्वारा उहुद के युद्धक्षेत्र से बचना युद्ध में उनकी हार का कारण बना।
3️⃣ ओहोद की लड़ाई और उसमें मुसलमानों की हार के कारणों को याद करना मोमिनों का कर्तव्य है।
4️⃣ ओहोद की लड़ाई में मुसलमानों को भागने से रोकने के लिए पवित्र पैगंबर (स) का प्रयास, जबकि पवित्र पैगंबर (एस) के निमंत्रण को स्वीकार करने में उनकी लापरवाही।
5️⃣ बहुदेववादी कुरैश के खिलाफ उहुद की लड़ाई के अंतिम क्षणों में ईश्वर के दूत (पीबीयूएच) की उपस्थिति और दृढ़ता।
6️⃣ युद्ध की लूट की हानि तथा उहुद के युद्ध में लगे घावों के कारण दुःखी होना।
7️⃣ओहोद की लड़ाई में मुसलमानों पर पछतावे और दुखों का आक्रमण ईश्वर के दूत (PBUH) के विरोध का परिणाम था।
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तफ़सीर राहनुमा, सूर ए आले-इमरान