हौज़ा / ईद-मबअस की रात को इमाम अली (अ) की पवित्र दरगाह के हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स) सहन में एक बड़ी दावत का आयोजन कर ज़ाएरीन की मेज़बानी की गई।
हौज़ा /शबे बेअसत और मेराजे पैगंबर (स) के अवसर पर, बेअसत की अहमियत का ज़िक्र करते हुए शोधकर्ता डॉ. शहवार हुसैन नक़वी ने कहा कि आज की तारीख़ इंसानियत के लिए बहुत खुशियों भरी तारीख़ है, क्योंकि…