मात-पित
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हुज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लेमीन आली:
अनैतिकता धार्मिक माता-पिता की सन्तान को भी अधर्मी बना देती है
हौज़ा/ईरान में धार्मिक अध्ययन के एक शिक्षक ने कहा: कभी-कभी माता-पिता धार्मिक होते हैं लेकिन उनकी नैतिकता अच्छी और धार्मिक नहीं होती है। वे प्रार्थना और उपवास के लोग हैं, लेकिन उनकी नैतिकता धार्मिक नहीं है, इसलिए ये धार्मिक माता-पिता अपने बच्चों को "अधार्मिक" बना देते हैं।
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आयतुल्लाहिल उज़्मा हाफ़िज़ शेख बशीर नजफी का फ़त्वाः
अगर माता या पिता किसी सुन्नती अमल जैसे मुट्ठी भर दाढ़ी या मुस्तब रोज़ा रखने से से रोकते हैं, तो क्या रुक जाना चाहिए?
हौज़ा / पाकिस्तानी मूल के नजफ निवासी शिया प्रसिद्ध आयतुल्लाह हाफ़िज बशीर हुसैन नजफी ने माता या पिता किसी सुन्नती अमल जैसे मुट्ठी भर दाढ़ी या मुस्तब रोज़ा रखने से से रोकने से संबंधित पूछे गए प्रश्न का उत्तर दिया है।
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शरई अहकाम । माता-पिता की आज्ञाकारिता
हौज़ा / ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने माता-पिता की आज्ञाकारिता के संबंध मे पूछे गए प्रश्न का उत्तर दिया है।
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विद्वान, अध्यापक और माता-पिता शांति और सद्भाव के लिए अपनी भूमिका निभाएं: सैयदा ज़हरा नकवी
हौज़ा / एमडब्ल्यूएम महिला केंद्रीय महासचिव ने कहा कि विद्वानों को अपनी धार्मिक और सामाजिक स्थिति का उपयोग लोगों के बीच शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए करना चाहिए और अध्यापको को अपने पवित्र पेशे के माध्यम से देश के वास्तुकारों के भविष्य को संवारना चाहिए।
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:दिन की हदीस
हज़रत इमाम अली नक़ी अ.स. कि नज़र में माता-पिता की नाफरमानी का अंजाम
हौज़ा/हज़रत इमाम अली नक़ी अ.स. ने एक रिवायत में माता-पिता की नाफरमानी के अंजाम की ओर इशारा किया हैं।
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माता-पिता के प्रशिक्षण का व्यक्ति के जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता हैः मौलाना जाफर अली रिजवी
हौज़ा / प्रशिक्षण का अर्थ जो कहकर बताया जाए वह नहीं है बल्कि जो करके बताया जाता है उसे प्रशिक्षण कहते हैं।
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रजा सिरसिवी एक अनमोल गौहर
हौजा / स्वर्गीय रज़ा सिरसिवी साहब की वह नज़म जो जो उन्होंने माँ के शीर्षक के तहत लिखी थी, आज तक शायरी के इतिहास में उसका उदाहरण नही मिल सका। कई शायरो ने इस विषय पर लिखा है, लेकिन यह रज़ा सिरसिवी की सार्वभौमिकता (आफ़ाक़ियत) तक नहीं पहुंच पाए।
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अहलेबैत (अ.स.) फाउंडेशन इंडिया के उपाध्यक्षः
पिता का अनुसरण, आज्ञाकारिता अली अकबर (अ.स.) के चरित्र का दर्पण है, मौलाना तकी अब्बास रिज़वी
हौज़ा / हज़रत अली अकबर (अ.स.) ने कम आयु मे कयामत तक आने वाली पीढ़ी को यह संदेश दिया है कि दिन में पाँच बार सजदे कर लेना ही इबादत नही, बल्कि माता-पिता विशेषकर पिता की आज्ञाकारिता का पालन करना भी इबादत है।
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:दिन की हदीस
माता-पिता से नाशुकरी का परिणाम
हौज़ा/ हज़रत इमाम अली इब्ने मूसा रज़ा (अ.स.) ने एक रिवायत में माता-पिता से नाशुकरी के परिणाम की ओर इशारा किया है।
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माता-पिता का उचित पालन-पोषण ही बच्चों को नरक से बचाएगा: हुज्जतुल-इस्लाम सैयद नसीमुल-हसन रिज़वी
हौज़ा / आखरी ज़माने के लिए विशेष रूप से आइम्मा-ए-अतहार (अ.स.) ने बच्चों के पालन-पोषण पर जोर दिया। यदि माता-पिता अपने बच्चो को अच्छा पालन-पोषण नही करेंगे तो बच्चे नरक की ओर चले जाएंगे, आखरी जमाने के बच्चो के लिए नरक की एक घाटी है जो सख्त सजाओ के लिए है। इसलिए, यदि आप अपने बच्चों को नर्क के इन दण्डों से बचाना चाहते हैं, तो अहलेबैत (अ.स.) के पदचिन्हो पर चलते हुए अपने बच्चों का पालन-पोषण करें ताकि हमारे बच्चे दुनिया और आखिरत दोनो मे सफल हो जाएं।