۲ آذر ۱۴۰۳
|۲۰ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 22, 2024
माहे मुबारक रमज़ान की उन्नीसवीं,
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रमजान उल मुबारक में ज़्यादा से ज़्यादा कुरआन की तिलावत करें।
हौज़ा/ हज़रत इमाम मोहम्मद बाकिर अलैहिस्सलाम ने फरमाया ,हर चीज़ की कोई एक बहार होती है और क़ुरआने करीम की बहार माहे रमज़ान है।
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शबे क़द्र के आमाल
हौज़ा/माहे मुबारक रमज़ान की उन्नीसवीं, इक्कीसवीं और तेइसवीं शबे क़द्र के मुश्तरका आमाल