۱۵ تیر ۱۴۰۳ |۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵ | Jul 5, 2024

मुनव्वर रज़ा

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  • वक्ति ईमान गुमराही और तबाही है:मौलाना सय्यद अली हाशिम आबिदी

    वक्ति ईमान गुमराही और तबाही है:मौलाना सय्यद अली हाशिम आबिदी

    हौज़ा / हर युग में ऐसे लोग रहे हैं जिनका धर्म और आस्था अस्थायी थी जैसे कि हमीद बिन क़हतबा कि उसने अपनी दुनिया के लिए धर्म का सौदा किया और 60 निर्दोष सादात के खून से अपना हाथ रंगीन किया जिसके नतीजे में बंदगी से महरूमी और अबदी तबाही उसका मुकद्दर बनी।जनाबे बोहलोल जैसे दीनदारों ने इताअते इमाम में मसनदे इल्म व फकाहत को खैर बाद कहा,अपनी दुनयवी इज़्ज़त व एहतेराम की कुर्बानी दी, लोगों ने मज़ाक उड़ाया लेकिन अबदी इज़्ज़त, फज़ीलत, करामत और शराफ़त उनका मुकद्दर बन गई। 

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