۱۵ تیر ۱۴۰۳
|۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 5, 2024
मुसतहब
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रोज़े दहवुलल अर्ज़ के फज़ाइल और आमाल
हौज़ा/दहवुल अर्ज़ 25 ज़िलकायेदा का दिन हैं। यह वह दिन है जब अल्लाह ने काबा के नीचे पानी के ऊपर पृथ्वी को फैलाया। इस दिन रोज़ा रखना और ग़ुस्ल करना मुस्तहब है, ख़ासकर रोज़ा जिसका सवाब 60 साल की इबादत के बराबर है।
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आयतुल्लाहिल उज़मा मकारिम शिराज़ीः
शरिया नियम "फ़िक़्ही अहकाम" | कज़ा रोज़े की मौजूदगी मे मुसतहब रोज़ा रखने का हुक्म
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़मा मकारिम शिराज़ी ने कज़ा रोज़ा होने के बावजूद मुसतहब रोज़ा रखने के बारे मे पूछे गए प्रश्न का उत्तर दिया है।