हौज़ा/इंसानियत के इतिहास में एक शख्स ऐसा भी है जिसका जन्म दिन नहीं मनाया जाता लेकिन शहीद ज़रूर मनायी जाती है। और इस मज़लूम का नाम हज़रत मोहसिन अ.स.है।