मोहर्रम
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हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन साफी गुलपाएगानी:
मोहर्रम इस्लाम और शिया धर्म के दुश्मनों की साजिशों को ख़ाक मे मिलाने का महीना है
हौज़ा/हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन साफ़ी गुलपाएगानी ने कहा: मोहर्रम का महीना इस्लाम और शियावाद के दुश्मनों की साजिशों को नष्ट करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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मुहर्रम मे सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कर्बला में सुरक्षा अधिकारियों की अहम बैठक
हौज़ा / कर्बला ऑपरेशन कमांड ने मुहर्रम के दिनों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न विभागों को उनकी जिम्मेदारियों से अवगत कराने के लिए शहर में एक सुरक्षा बैठक आयोजित करने की जानकारी दी।
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ऐसा लेख जो खोल दे अच्छे अच्छो की बंद आंखे
हौज़ा / इमाम हुसैन के बलिदान से न केवल यजीद की पराजय हुई बल्कि सभी युगों के अत्याचारी शासक इमाम हुसैन के संदेश से भयभीत हैं यही कारण है कि अत्याचारी शासकों_सल्तनतो ने इमाम हुसैन के बलिदान की याद में निकाले जाने वाले जुलूसों पर प्रतिबंध लगाए हैं।
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इस्लामी कैलेंडर:
इस्लामी कैलेंडर: 27 मुहर्रम 1444 - 25 अगस्त 2022
हौज़ा / इस्लामी कैलेंडर: 27 मुहर्रम 1444 - 25 अगस्त 2022
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नाइजीरिया के शहर कानू मे अज़ादारी सय्यद अल-शोहदा का आयोजन + फोटो
हौज़ा / पिछले वर्षों की तरह, इस वर्ष भी मुहर्रम के महीने की शुरुआत के साथ, नाइजीरिया के अधिकांश हिस्सों में सैय्यद अल-शहादा (अ.स.) के लिए जुलूसे अजा निकाले गए हैं।
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हुज्जत उल इस्लाम वल मुस्लेमिन सईद रुस्ता आजाद:
मुहर्रम का पहला अशरा जिहादे तबईन के लिए बेहतरीन मौका
हौज़ा/इस्लामिक प्रचार के कार्यालय में सांस्कृतिक और उपदेश मामलों के संरक्षक ने कहा: मुहर्रम का पहला दशक जिहाद-ए-तबीन के लिए सबसे अच्छा अवसर है।
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एक शांतिपूर्ण समाज के लिए आपसी सम्मान एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है, अल्लामा नाज़र अब्बास तक़वी
हौज़ा/पांचवीं पीढ़ी का युद्ध पूरी तरह से मुस्लिम उम्मात के उद्देश्य से सोशल मीडिया पर लड़ा गया युद्ध है,मुसलमानों को आपस में लड़ने के लिए दुश्मन बहुत संगठित तरीके से लगा हुआ है।अगर इन साजिशों को समय रहते नाकाम नहीं किया गया, तो इस्लामी दुनिया का अस्तित्व गंभीर रूप से खतरे में पड़ जाएगा।
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अज़ादारी-ए-इमाम हुसैन अ.स इत्तेहाद का मरकज़ हैं इसलिए हमने हमेशा मिम्बर से इत्तेहाद की दावत दी हैं : मौलाना कल्बे जवाद नक़वी
हौज़ा / मौलाना ने एक बार फिर शाह गंज जौनपुर के इलाक़े में पुलिस के ज़रिये ताज़िये की बेहुरमती की सख़्त अलफाज़ में मज़म्मत की। और कहा कि अब जबकि गाइडलाइन आ चुकी है तो पुरे उत्तर प्रदेश में पुलिस गाइडलाइन पर अमल करें और अज़ादारों को हरगिज़ परेशान न किया जाये। और जो लोग ये ऐतराज़ कर रहे है कि मजलिसे तो ख़ुद ही ज़ुल्म के ख़िलाफ एहतेजाज है लिहाज़ा ये क्यों कह दिया कि कल से मैं एहतेजाजन इमामबाड़ा ग़ुफ़रानमॉब में मजलिस नहीं पढूंगा।
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निराशा से छुटकारा पाने का एकमात्र तरीका कर्बला को समझना है, मौलाना सैय्यद हैदर अब्बास रिज़वी
हौज़ा / अल्लाह के साथ संबंध जितना मजबूत होगा, उतनी ही जल्दी निराशा से मुक्ति मिलेगी। हालांकि, इस मोक्ष के लिए कार्रवाई की आवश्यकता है। प्रयास करना हमारा काम है, सफलता देना अल्लाह ताला का काम है।
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:दिन की हदीस
मोहर्रम और अहलेबैत अलैहिस्सलाम
हौज़ा/ हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में माहे मोहर्रम में इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम के मामूलात की तरफ इशारा किए हैं।
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इमाम हुसैन अ.स.निजात की कश्ती और हिदायत के चिराग है,मौलाना शाहान हैदर खांन कुम्मी
हौज़ा/ इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की ज़ात कल भी और कियामत तक के लिए निजात की कश्ती और हिदायत के चिराग है, इस कश्ती का दवाम कियामत तक बाकी रहेगा.
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खुदा जितना बड़ा रुतबा देता है उतनी ही बड़ा इम्तिहान लेता है, अल्लामा अली रज़ा रिज़वी
हौज़ा/ खुदा ने कहा इब्राहिम आपको मैंने खलील बनाया जब इसी बाप ने बेटे के गले पर छुरी रखी तू कहां अब मैंने तुम्हें इमाम बना दिया,
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मुहर्रम कोई त्योहार नहीं बल्कि दुख का महीना और जुल्म के खिलाफ विरोध है, मौलाना कल्बे जवाद नक़वी
हौज़ा / मौलाना ने कहा कि उपमहाद्वीप में आज जहां भी उर्दू भाषा बोलने वाले लोग हैं, वहां अज़ादारी जिस रूप मे मनाई जाती है उसका खद्दो ख़ाल हजरत दिलदार अली गुफ़रान मआब ने निर्धारित किया हैं।
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अशूरा ने हमारे कंधों पर बहुत संगीन जिम्मेदारियां रखी हैं, आयतुल्लाह आराफ़ी
हौज़ा / हौज़ा ए इल्मिया क़ुम के प्रमुख ने कहा: अशूरा ने हम पर जो सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी रखी है, वह यह है कि हमें अहलेबैत (अ.स.) के भक्तों की संख्या कम नहीं होने देनी चाहिए।
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कोरोना के दिनों में मजालिस मे शिरकत करने के संबंध में आयतुल्लाहिल उज़्मा वहीद खुरासानी की नज़र
हौज़ा / शिया मरजा ए तक़लीद ने कोरोना के दिनों में मजालिस में शिरकत करने के संबंध में एक प्रश्न का उत्तर दिया है।
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मिंबरे हुसैनी से शियो के दरमियान मौजूद इख़तेलाफ़ात को बयान न किया जाए, आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली हुसैनी सिस्तानी
हौज़ा / मिंबर से ऐसे सपने और काल्पनिक घटनाओं (ख्वाब ओ ख़याली वाक़ेआत) का वर्णन करने से बचें जो मिंबर हुसैनी की प्रतिष्ठा (तशख़्ख़ुश और शोहरत) को नुकसान पहुंचने का कारण बनते हैं और जो यह इंगित करते हैं कि मिंबर एक बेकार प्रसारण माध्यम है जो सामेईन की समाअत और जहन को प्रभावित करता है।
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मोहर्रम की याद मनाना रस्म नहीं बल्कि एक संस्कार का हिस्सा है, मौलाना सैय्यद तत्हीर हुसैन जै़दी
हौज़ा/ अगर किसी में तब्दीली नहीं तो उसने मोहर्रम को फिक्र और किरदार की तब्दीली नहीं बल्कि रस्मो रिवाज समझकर गुज़ारा है।
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मौलाना कल्बे जवाद साहब का ताज़ा बयान + वीडियो
हौज़ा / मौलाना कल्बे जवाद साहब का ताज़ा बयान DGP से फोन पर बात के बाद पीस कमेटियों के बहिष्कार की घोषणा वापस ली।
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यूपी मुहर्रम के जुलूस की गाइड लाइन से नाराज शियाओं ने की निराधार आरोप वापस लेने की मांग
हौज़ा / मुहर्रम के जुलूसों के बरआमद न होने का राज्य के शिया मुसलमान जितना दुखी हैं, उत्तर प्रदेश के डीजीपी मुकुल गोयल की ओर से जारी गाइडलाइन में शियाओं पर लगाए गए आरोपों पर गुस्सा और हताशा ज्यादा है।
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मुहर्रम को लेकर उत्तर प्रदेश प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन को लेकर शिया राष्ट्र में आक्रोश की लहर
हौज़ा / उलेमा ए मुबारकपुर आजमगढ़ का संयुक्त बयान : उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा इस वर्ष मुहर्रम के संबंध में जारी दिशा-निर्देश ने शिया राष्ट्र की धार्मिक भावनाओं और विश्वासों के साथ-साथ सुन्नी और हिंदू हुसैनी शोक मनाने वालों के दिलों को भी ठेस पहुंचाई है।
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मुहर्रम कपड़ो की तबदीली का नही, चरित्र 'किरदार' की तबदीली का महीना है
हौज़ा / बाजार में हर जगह दुकानदार हाथों में काले कपड़े लहरा रहे थे और चिल्ला रहे थे कि "मुहर्रम क्लैकशन आ गया है आएं खरीदे"। मेरे दोस्त के आंसू निकल पड़े जब उसने दुकानदारों को मुहर्रम क्लैकशन की इस तरह से मार्केटिंग करते देखकर मेरी आंखो से आंसू निकल आए मै सोच रहा था कि क्या कर्बला मे इतनी बड़ी कुर्बानी इसी लिए दी गई थी कि आज हम उनका सोग फैशन के साथ मनाऐेगे ?
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मोहर्रम के संबंध में पुलिस प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन मे परिवर्तन करने की मांग
हौज़ा / मोहर्रम के संबंध में पुलिस प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन से शिया समुदाय के धार्मिक जज़्बात को ठेस पहुंची है और मोहर्रम व शिया समुदाय पर सीधे तौर पर बेबुनियाद इल्ज़ाम लगाए गये हैं।
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मुहर्रम से पहले कराची में लोड शेडिंग खत्म की जाए: अल्लामा नज़ीर अब्बास तक़वी
हौज़ा/पाकिस्तान के शिया उलेमा काउंसिल के केंद्रीय नेता ने कहा: कि इलेक्ट्रिक लोड शेडिंग कर कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों को परेशान कर रहा है.वर्तमान सरकार लोगों की समस्याओं को हल करने और लोगों को राहत देने में पूरी तरह विफल रही है।