हौज़ा /वक्ताओं ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अल्लाह के पवित्र महीने रमज़ान उल मुबारक का एहतराम करना फर्ज है। जो लोग रोजा नहीं रख सकते उन्हें खुले में खाने-पीने और गुनाहों से बचना चाहिए।