मौलाना मंजूर अली नकवी
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अल-अक्सा तूफ़ान ने कई चेहरों से इस्लामी नक़ाब हटा दिया है
हौज़ा/अल-अक्सा तूफ़ान ने वो कर दिखाया जो कई सालों में नहीं हो सका और इसराइल की नाजायज़ औलादों का चेहरा दुनिया के सामने उजागर कर दिया।
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इमाम वक्त की इताअत जरूरी है: मौलाना मंजूर अली नकवी
हौज़ा / हम इमाम ज़माना (अ.स.) के धन्य अस्तित्व के सदक़े में अल्लाह तआला की नेमत समृद्ध हैं, लेकिन कुरान और रिवायतो के दृष्टिकोण से, हमारे लिए अहले-बैत (अ) का पालन करना आवश्यक है।
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पैगंबर (स.अ.व.व.) की जीवनी और चरित्र को केवल सुनने तक सीमित न रखें, मौलाना मंजूर अली नकवी
हौज़ा / हमारे युवा इस्लाम के इतिहास और पवित्र पैगंबर (स.अ.व.व.) की जीवनी का अध्ययन करें। इस अंधेरे युग में, यह केवल अहलेबैत (अ.स.) की जीवनी है जो मनुष्यों के दिलों को प्रबुद्ध करती है और उन्हें भ्रामिक मार्ग से हिदायत के मार्ग का मार्गदर्शन करती है।
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कर्बला के शहीदों को याद करना केवल सवाब ही नहीं बल्कि चरित्र निर्माण का भी आधार है, मौलाना मंजूर अली नकवी
हौज़ा / कर्बला के शहीदों की भूमिका हमारे लिए एक आदर्श है, हमें उनकी भूमिका से सीखने की जरूरत है, हमें अपने दिलों में क्रांति पैदा करने की जरूरत है जो कर्बला के शहीदों के दिल में थी।
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साहिफा ए सज्जादिया का हर घर में होना ज़रूरी है, मौलाना मंजूर अली नकवी
हौज़ा / साहिफ़ा ए सज्जादिया हर घर में होनी चाहिए ख़ासकर युवा लोग इसका अनुवाद जरूर पढ़ना चाहिए उस संदेश को हासिल करें जो इमाम सज्जाद (अ.स.) की दुआओं से हम तक पहुँचा है , क्योंकि इस किताब साहिफ़ा ए सज्जादिया में नैतिक पाठ भी है राजनीतिक पाठ भी है। इसमे मआरिफ की व्याख्या की गई है।