۱۳ تیر ۱۴۰۳
|۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 3, 2024
मौलाना मुमताज हुसैन
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ग़लती का एहसास राहे सआदत की पहली मंजिल है, मौलाना मुमताज़ अली
हौज़ा / तन्ज़ीमुल मकातिब के उपाध्यक्ष ने कहा कि अगर यह भावना किसी व्यक्ति में पैदा हो जाए, तो वह हुर बन जाता है। यह त्रुटि का एहसास ही था जिसने जनाबे हूर को आज़ादी दिलाई, त्रुटि का एहसास खुशी की पहली मंजिल है।