हौज़ा / डॉ. सय्यद शहवार नक़वी ने अपने संबोधन में कहा कि हज़रत अब्बास अलमदार भले ही मासूम नहीं थे लेकिन उन्होंने इतनी पाक और निष्कलंक ज़िंदगी गुज़ारी कि उनके दामन पर तरक-ए-ऊला का कोई दाग़ नहीं…