हौज़ा/रमज़ानुल मुबारक रहमतों बरकतों व मग़फ़िरत का महीना हैं अपने दिलों को तिलावते क़ुरआन से मुनव्वर करो, इस महीने में मां-बाप के एहतेमाम में एक रात गुज़ारना एक साल जेहाद के सवाब के बराबर हैं।
हौज़ा/हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने एक रिवायत में रमज़ान के अर्थ की ओर इशारा किया हैं।