हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , बाराबंकी। रहमतों बरकतों व मग़फ़िरत का महीना है माले रमज़ान, इस माह में परवरदिगार ग़ैर इरादी अमल पर भी जज़ा देता है। अपने दिलों को तिलावत ए क़ुरआन से मुनव्वर करो ।तमाम बुराइयों से बचने का जरीया है रमज़ान। कामयाबी चाहिए तो वाजिबात को अमल में लाएं मोहर्रमात ( पाप ) से बचे ।यह बात दयानन्द नगर स्थित कर्बला सिविल लाइन में मजलिसे तरहीम बराए ईसाल ए सवाब मरहूमा आसिफा खातून बिन्ते सै0 जहीरूल हसन को ख़िताब करते हुए आली जनाब मौलाना हैदर अब्बास रिज़वी साहब ने कही ।मौलाना ने यह भी कहा कि वाकई आखेरत बखैर चाहते हो तो हर अमल कुरबतन इलल्लाह करो और अपने वाल्दैन की इताअत भी करो । उन्होंने आगे कहा कि अगर इंसान को माहे रमज़ान की फ़ज़ीलत का सही पता हो जाये तो पूरे साल वो इसकी तमन्ना करे । मां-बाप के एहतेमाम में एक रात गुज़ारना एक साल जेहाद के सवाब के बराबर है ।हसद ईमान को ऐसे खा जाती है जैसे सूखी लकड़ी को आग खा जाती है ।आमाल बख़ैर चाहिए तो राहे ख़ुदा में ख़र्च करो और मजबूर बेसहारा की मदद करो । अव्वल ए वक़्त नमाज़ पढ़ना सबसे अच्छी पैरविये परवरदिगार है । आखिर में करबला वालो के मसायब पेश किए जिसे सुनकर मोमनीन रो पड़े । मजलिस से पहले डॉक्टर रज़ा मौरानवी ने पढ़ा - लब्ज़ दर लब्ज़ वो दीवान भी हो सकता है , नुक़्ता ए ब जो है क़ुरआन भी हो सकता है।डाक्टर मुहिब रिज़वी ने पढ़ा - पलकों को ग़में शाह से नम करता है , खुशियों को सिपुर्दे यदे ग़म करता है । जो छोड़ के सजदों को करे ज़िक्रे शह , वो मक़सदे सरवर पे सितम करता है। आरिज जरगांवी ने पढ़ा - गुलशने फ़ातिमा ज़हरा की सदा आई है , आपके दम से ही ग़ुलशन में जो रानाई है । महदी नक़वी ने पढा- हमारी रूह की तश्नालबी मिटाने को ,अज़ा के फ़र्श पर एक जाम मिलने वाला है । हाजी सरवर अली करबलाई ने पढ़ा - किरदार को संवार लो कुछ वख़्त है अभी , गै़बत में जब तलक के हमारा इमाम है । फ़ितने को छोड़कर करो आपस में इत्तेहाद ,क्या जानते नहीं कि ये फ़ेले हराम है।इसके अलावा आसिफ अख्तर बाराबंकवी , आसिम नक़वी , रज़ा हैदर अयान अब्बास व बच्चों ने भी नजरानए अक़ीदत पेश किए। मजलिस का आग़ाज तिलावत ए कलाम ए पाक से अयान अब्बास ने किया । बानिये मजलिस ने सभी का शुक्रिया अदा किया।
अगर इंसान को माहे रमज़ान की फ़ज़ीलत का सही पता लग जाए तो पूरे साल इसकी तमन्ना करेंगा,मौलाना हैदर अब्बास रिज़वी
हौज़ा/रमज़ानुल मुबारक रहमतों बरकतों व मग़फ़िरत का महीना हैं अपने दिलों को तिलावते क़ुरआन से मुनव्वर करो, इस महीने में मां-बाप के एहतेमाम में एक रात गुज़ारना एक साल जेहाद के सवाब के बराबर हैं।
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मौलाना सैयद रज़ी जै़दी साहब ने ज़िक्र बताते हुए मौलाना ज़ीशान हैदर नक़वी अमरोहवी की सेहत के लिए मज़ीद दुआ की अपील की
हौज़ा / दिल्ली निवासी मौलाना सैयद रज़ी जै़दी फंदेड़वी ने कहा कि मौलाना सैयद जीशान हैदर नकवी साहब अमरोहवी की सेहत पहले से बेहतर है और अधिक दुआ की अपील है।
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बच्चे माँ बाप की ख़िदमत को अपने लिए सम्मान समझेंः प्रोफ़ेसर असग़र इजाज़ क़ानमी
हौज़ा / प्रोफ़ेसर डॉक्टर असग़र इजाज़ क़ानमी ने कहा, बच्चे अपने माता-पिता की सेवा को अपने लिए एक सम्मान समझें और इसी के ज़रिए दुनिया और आख़िरत दोनों में…
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बज़्म-ए क़मर बुकनाला सादात" की दसवीं(10वीं ) तरही नशिस्त का आयोजन
हौज़ा /बुकनाला सादात में जनाब मास्टर फ़य्याज़ हुसैन नक़वी साहब के दरे दौलत पर "बज़्म-ए क़मर बुकनाला सादात" की दसवीं तरही नशिस्त बउन्वाने "मदहे मौलाये…
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मरजेईयते उज़मा रमजान को कैसे पुनर्जीवित करती है?
हौज़ा / पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष भी नजफ अशरफ़, इराक के मुख्य कार्यालय में हज़रत आयतुल्लाह अलहाज हाफ़िज़ बशीर हुसैन नजफ़ी की मौजूदगी में, पवित्र माहे…
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माहे रमज़ानुल मुबारक की हर रात पढ़ीं जाने वाली दुआ
हौज़ा/हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने फरमाया,जो माहे रमज़ानुल मुबारक यह दुआ पड़ेगा अल्लाह तआला उसकी 40 साल की गुनाह को माफ कर देगा,
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जामिया इमामिया तंज़ीमुल मकातिब में महफिले क़ुरआनी का आयोजन / फोटो
हौज़ा/ हज़रत पैग़ंबरे इस्लाम स.ल.व.व.के बेसत के अवसर पर जमिया इमामिया तंज़ीमुल मकातिब में महफिले क़ुरआनी का आयोजन किया गया
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हज़रत फ़ातिमा ज़हरा स.अ.मुदाफ़ ए विलायत हैं।मौलाना मिर्ज़ा अस्करी हुसैन
हौज़ा / शहादत ए हज़रत फ़ातिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा की मुनासिबत से इमामबाड़ा सब्तैना आबाद लखनऊ में, दफ़्तर ए रहबरे मोअज़्ज़म की तरफ़ से दो रोज़ा मजालिस…
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हमारा मक़सद रज़वान ए इलाही का हुसूल होना चाहिएः मौलाना सय्यद सफ़ी हैदर ज़ैदी
हौज़ा / लखनऊ, भारत: शिया शाही जामा मस्जिद के प्रमुख जनाब सैयद रिज़वान हैदर नक़वी रिटायर्ड डीएसपी के इंतिकाल पर मस्जिद की जानिब से नमाज़े मग़रिबैन के बाद…
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हज़रत अब्बास (अ.स.) की शान में हुआ मकासेदा, वफ़ा डे
हौज़ा / मऊ, घोसी में हज़रत अब्बास अलैहिस्सलाम की शान में हुआ आलीशान जश्न जिसमें बड़े-बड़े उलेमा और शोआरा ने शिरकत की
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हज़रत फ़ातेमा ज़हेरा कि शहादत की मुनासेबत पर इमाम ख़ुमैनी इमाम बारगाह में मजलिस, सुप्रीम लीडर ने शिरकत कि
हौज़ा/तेहरान की इमाम ख़ुमैनी र.ह. इमाम बारगाह में हज़रत फ़ातेमा ज़हेरा सलामुल्लाह अलैहा के शहादत दिवस के उपलक्ष्य में शोक सभाओं का सिलसिला जारी है।
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ग़मे हुसैन अलैहिस्सलाम हमेशा ताज़ा है: मौलाना सय्यद सफी हैदर ज़ैदी
हौज़ा / दुनिया के हर ग़म का असर वक्त गुज़रने से कम पड़ जाता है,इसी तरह गम चाहे कितना बड़ा क्यों न हो लेकिन हादसे के बाद ही गम मनाया जाता है लेकिन ग़मे…
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पैग़म्बरों की इबादत और मिशन में शरीक हुआ जा सकता हैं।
हौज़ा/ शिया धर्मगुरू हुज्जतुल इस्लाम मसऊद आली ने तेहरान में इमाम ख़ुमैनी इमामबाड़े में इतिहास रचने वाली तीन तरह की इबादतों के मुक़ाबले में तीन तरह के गुनाहों…
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जामिया इमामिया तनज़ीमुल मकातिब में जलसे सीरत का आयोजनः
अल्लाह की सिफत राज़दारी, नबियों की सिफत मुरव्वत और इमामों की सिफत मुश्किलों में सब्र हैः, मौलाना तनवीर अब्बास
हौज़ा / इमाम अली रज़ा (अ.स.) की शहादत के मौक़े पर जामिया इमामिया तनज़ीमुल मकातिब में जलसे सीरत मुनअक़िद किया गया। जिसमे बल्लिग जामिया इमामिया मौलाना सैयद…
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ईमान और अमल के लिहाज़ से जो मज़बूत होगा, वही क़यामत के दिन आगे होगा। मौलाना सैयद अहमद अली आबिदी
हौज़ा / खोजा शिया अशना अशरी जामा मस्जिद पाला गली में मौलाना सैयद अहमद अली आबिदी ने जुमआ के खुतबे में बयान करते हुए कहा कि ईमान और अमल के लिहाज़ से जो मज़बूत…
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सिरसी, अज़मते तौहिद और रिसालत के लिए इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने नाना का मदीना छोड़ा, मौलाना कंम्बर अब्बास
हौज़ा/ मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना ने कहा कि अगर इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम अल्लाह के रास्ते में अपनी कुर्बानी पेश ना करते तो मुसलमानों को आज तौहिद और…
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हज़रत ज़हरा का इमामत के हक़ में विरोध, बौद्धिक जागृति और ईश्वरीय अंतर्दृष्टि है: मौलाना मंज़ूर नक़वी
हौज़ाय/ मौलाना सैयद मंज़ूर अली नक़वी ने कहा कि हज़रत ज़हरा का बोलना या फ़रयाद करना केवल कोई एतिहासिक या जज़्बती वाकेआ नही बल्कि यह फ़िक्री बेदारी और इलाही…
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क़ुरआन से लगाव’ महफ़िल में सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने तक़रीर
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने रविवार की शाम पहली रमज़ान को क़ुरआन से लगाव नाम की महफ़िल में तक़रीर की।…
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इस्लामी जगत "पवित्र रमजान" के महीने को रसूल और आले रसूल के जीवन और शिक्षाओं के मॉडल के रूप में बिताए, मौलाना तक़ी अब्बास रिज़वी
हौज़ा / रमजान का महीना खुदावंदे आलम ने साहेबाने इमान के लिए सआदत की कुंजी करार दिया है। यह वह मुबारक महीना है जो क़ुरबे खुदा का कारण है। यह महीना न केवल…
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