रिवायत
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अगर लोग सय्यद अल-शोहदा (अ) की ज़ियारत के फज़ीलत को समझते...
हौज़ा / इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में कहा, सय्यद अल-शोहदा अलैहिस्सलाम की ज़ियारत के फ़जाइल का वर्णन किया हैं।
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तक़वा के हमराह अमल का हैरत अंगेज असर
हौज़ा / इमाम ज़ैनुल आबिदीन (अ) ने एक हदीस में आमाल पर तकवे की हमराही की ओर इशारा किया है।
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दिन की हदीसः
नादान को पहचानो
हौज़ा / अमीरुल मोमिनीन इमाम अली (अ) ने एक रिवायत में नादान व्यक्ति को पेश किया है।
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दिन की हदीस:
क़ुम के एक आदमी की लोगों को हक़ की तरफ दावत
हौज़ा/हज़रत इमाम मूसा काज़िम अ.स.ने एक रिवायत में क़ुम के एक आदमी की पहचान कराई है जो हक की तरफ दावत देगा,
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दिन की हदीसः
अम्र बिल मारूफ़ वा नही अज़ मुनकर करने वाला वह व्यक्ति मलऊन है
हौज़ा / अमीरुल मोमिनीन हज़रत अली (अ) ने एक हदीस में एक अम्र बिल मारूफ़ और नही अज़ मुनकर करने वाले ऐसे व्यक्ति का परिचय कराया है जो मलऊन है।
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दिन की हदीसः
दुनिया की आख़ेरत से तुलना
हौज़ा / अल्लाह के पैगंबर (स) ने एक हदीस में इस दुनिया की तुलना आख़िरत से करने का वर्णन किया है।
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दिन की हदीसः
सबसे बड़ा पाप
हौज़ा/अमीरुल मोमिनीन हज़रत इमाम अली (अ) ने एक रिवायत में सबसे बड़े पाप का संकेत दिया है।
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दिन की हदीसः
क्रोध का अंजाम
हौज़ा / अमीरुल मोमिनीन इमाम अली (अ) ने एक हदीस में गुस्से के अंजाम की ओर इशारा किया है।
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दिन की हदीसः
चार मस्अले जिन्हे जानना ज़रूरी है
हौज़ा / इमाम मूसा काज़िम (अ) ने एक रिवायत मे इन चार आवश्यक मस्अलो का वर्णन किया है जिन्हें जानना ज़रूरी है।
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दिन की हदीस:
ऐसी हदीस जो बदबख़्त को ख़ुश बख़्त बना देती है
हौज़ा/इमाम जाफ़र सादिक (अ) ने एक रिवायत में ज़ियारत सैयद अल-शोहदा (अ) के मक़ाम और मंज़िलत की ओर इशारा किया है।
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दिन की हदीसः
ऐसी ख़ुशी से दूर रहो
हौज़ा / हज़रत इमाम ज़ैन अल-आबेदीन (अ) ने एक रिवायत में संकेत दिया है कि ऐसा आनंद पाप करने से भी अधिक बड़ा और अधिक बदसूरत है।
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दिन की हदीसः
अच्छे और नेक लोगों का व्यवहार
हौज़ा / इमाम अली (अ) ने एक रिवायत में अच्छे और नेक लोगों के व्यवहार का संकेत दिया है।
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दिन की हदीसः
एक मुस्लिम महिला को इमाम जाफ़र सादिक (अ) की नसीहत
हौज़ा / हजरत इमाम जाफर सादिक (अ) ने एक रिवायत में एक मुस्लिम महिला को सलाह दी।
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दिन की हदीसः
प्राप्त न होने वाली ख्वाहिशें मांगने का अंत
हौज़ा / हज़रत इमाम अली (अ.) ने एक रिवायत मे प्राप्त न होने वाली ख्वाहिशें मांगने के अंजाम की ओर इशारा किया हैं।
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दिन की हदीसः
साहस या धन
हौज़ा / हज़रत इमाम अली (अ.स.) ने एक रिवायत में इंसानों के मूल्य की ओर इशारा किया है।
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आयतुल्लाह ख़ामेनेई की ज़बानी एक धार्मिक विद्वान के रहस्योद्घाटन के बारे में स्वर्गीय आयतुल्लाह खुशवक्त की रिवायत
हौज़ा / स्वर्गीय आयतुल्लाह खुशवक्त पर अल्लाह की रहमत हो, उन्होंने कहा कि एक आरिफ ने एक रहस्योद्घाटन के दौरान देखा कि एक ऊंचाई है।
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दिन की हदीसः
इमाम अली (अ.स.) की सकून बख़्श सलाह
हौज़ा / हज़रत इमाम अली (अ.स.) ने एक रिवायत में किताबें पढ़ने की सलाह दी है।
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दिन की हदीसः
युवाओं के प्रशिक्षण का सबसे अच्छा तरीका
हौज़ा / हज़रत अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) ने एक रिवायत में युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए एक बहुत ही उपयोगी बिंदु की ओर इशारा किया है।
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दिन की हदीसः
दुनिया और आख़ेरत मे बेहतरीन अख़लाक
हौज़ा / पैगंबर अकरम (स.अ.व.व.) ने एक रिवायत में दुनिया और आख़ेरत मे बहतरीन अख़लाक की ओर इशारा किया है।
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बुर्किना फासो के शहर औगाडौगौ मे मिलादुन नबी (स.अ.व.व.) बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया गया
हौज़ा/ अफ्रीकी देशों में ईद मिलादुन नबी (स.अ.व.व.) के महत्व का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वहां मिलादुन नबी (स.अ.व.व.) का जश्न रबी-उल-अव्वल की पहली तारीख से शुरू होता है। और रबी-उल-अव्वल के दो सप्ताहो तक जारी रहते है।
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दिन की हदीसः
महिलाओं के पांच बेहतरीन गुण
हौज़ा / इमाम रज़ा (अ.स.) ने एक रिवायत में अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) से सुनाए गए महिलाओं के पांच सबसे अच्छे गुणों की ओर इशारा किया है।
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कोरोना और महामारी रोगों से बचने का सबसे अनुभवी कुरानी नुस्खा
हौज़ा / मरहूम आयतुल्लाह खानसारी कहते हैं: हमारे समय में हर जगह महामारी फैल गई और कई लोगों की मौत हो गई। लेकिन हमारे घर वालो और वो लोग जो आयत क़ुल लययोसीबना "قُلْ لَنْ یُصِیبَنا" को पढ़ते थे वो इस महामारी से सुरक्षित रहे इसलिए "قُلْ لَنْ یُصِیبَنا" को पढ़ने का आग्रह किया गया है।
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दिन की हदीसः
अशूर के दिन गिरया और ग़मो अनदोह का अज्र
हौज़ा / इमाम रज़ा (अ) ने एक रिवायत में मुहर्रम के महीने में आशूरा के दिन रोने और ग़मो अनदोह का अज्र बताया है।
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अशूरा ने हमारे कंधों पर बहुत संगीन जिम्मेदारियां रखी हैं, आयतुल्लाह आराफ़ी
हौज़ा / हौज़ा ए इल्मिया क़ुम के प्रमुख ने कहा: अशूरा ने हम पर जो सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी रखी है, वह यह है कि हमें अहलेबैत (अ.स.) के भक्तों की संख्या कम नहीं होने देनी चाहिए।
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दहवुल अर्ज़ से संबंधित धार्मिक पुस्तकों में अक्सर महानता और पुण्य का वर्णन किया जाता है, मौलाना शेख इब्ने हसन अमलवी वाइज़
हौज़ा / किताब अल-काफ़ी के अनुसार, जब हज़रत इमाम अली रज़ा (अ.स.) ने खुरासान की यात्रा की, इस यात्रा के दौरान, ज़ीक़ाअदा की 25 तारीख को "मरव" पहुंचे और उन्होंने कहा, "आज रौज़ा रखो मैंने भी रौज़ा रखा है।"रावी कहता है: हमने पूछा, हे पैगंबर के बेटे! आज कौन सा दिन है? आपने फ़रमाया वो दिन जिसमे अल्लाह की रहमत नाज़िल हुई और जमीन का फर्श बिछाया गया।
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दिन की हदीसः
गै़बते इमामे ज़माना(अ.त.फ.श.)में मुसलमानों की ज़िम्मेदारीया
हौज़ा / इमामे जावाद (अ.स.) ने एक रिवायत में गै़बते इमामे ज़माना (अ.त.फ.श.) में मुसलमानों की ज़िम्मेदारी की ओर इशारा किया है।