हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, निम्नलिखित रिवायत "कामिल उज़ ज़ियारात" पुस्तक से ली गई है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
قال الامام الصادق علیه السلام:
... لَوْ یَعْلَمُونَ مَا فِی زِیَارَتِهِ مِنَ الْخَیْرِ وَ یَعْلَمُ ذَلِکَ النَّاسُ لَاقْتَتَلُوا عَلَى زِیَارَتِهِ بِالسُّیُوفِ وَ لَبَاعُوا أَمْوَالَهُمْ فِی إِتْیَانِه ...
इमाम जाफ़र सादिक़ अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:
यदि लोगों को पता होता कि अब्बा अब्दिल्लाहिल हुसैन (अ) की ज़ियारत में क्या अच्छा तो वे लड़ते और बहस करते और अपनी सारी संपत्ति ज़ियारत पर खर्च करते।
कामिल उज़-ज़ियारात, अध्याय 31, भाग 1, पेज 86