हौज़ा / जामिया अल-ज़हरा (स) की शिक्षका ने हज़रत मासूमा (स) को पवित्र जीवन की मालिक बताते हुए कहा कि हज़रत मासूमा का जीवन इमाम के जीवन का सार था। आपका पालन-पोषण आपके पिता और भाई के स्कूल में हुआ।