۲ آذر ۱۴۰۳
|۲۰ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 22, 2024
रूकू में शामिल
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शरई अहकाम । रूकू के दौरान जमाअत में शामिल होना
हौज़ा/पहली और दूसरी रकाअत में कोई हर्ज नहीं रखता लेकिन तीसरी और चौथी रकाअत में अगर जानता हो कि सुरह हम्द पढ़कर रुकूं में इमामे जमाअत के साथ शामिल नहीं हो सकता तो इक्तेदा और जमाअत में शमिल होने के लिए एहतियात यह है कि सब्र करें यहां तक कि इमामे जमात मुकम्मल तौर पर रुक की हालत अख्तियार कर ले फिर उस इक्तेदा कर के जमात में शामिल हो जाए