۲ آذر ۱۴۰۳
|۲۰ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 22, 2024
रोज़ा बातिल हो जाएगा
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शरई अहकाम:
अगर कोई आदमी किसी की बात के बारे में यक़ीन रखता हो कि वह वाकई कौले ख़ुदा या कौले पैगंबर स.ल.व.नहीं है और इसे अल्लाह ताला या रसूल अल्लाह स.ल.व. से मनसुब करें तो क्या उस से उसका रोज़ा बातिल हो जाएगा?
हौज़ा / अगर इस बात का यकीन हो कि कौले खुद और रसूल नहीं है और उनसे मंसूब करें तो उस सूरत में उसका रोज़ा बातिल हो जाएगा।