۱ آذر ۱۴۰۳ |۱۹ جمادی‌الاول ۱۴۴۶ | Nov 21, 2024
शरई अहकाम

हौज़ा / अगर इस बात का यकीन हो कि कौले खुद और रसूल नहीं है और उनसे मंसूब करें तो उस सूरत में उसका रोज़ा बातिल हो जाएगा।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी से पूछे गए सवाल का जवाब दिया हैं जो शरई मसाईल में दिलचस्पी रखते हैं उनके लिए यह बयान किया जा रहा हैं।

सवाल : अगर कोई आदमी किसी की बात के बारे में यक़ीन रखता हो कि वह वाकई कौले ख़ुदा या कौले पैगंबर स.ल.व.नहीं है और इसे अल्लाह ताला या रसूल अल्लाह स.ल.व. से मनसुब करें तो क्या उस से उसका रोज़ा बातिल हो जाएगा?

जवाब : अगर इस बात का यकीन हो कि कौले खुद और रसूल नहीं है और उनसे मंसूब करें तो उस सूरत में उसका रोज़ा बातिल हो जाएगा।

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