۱۵ تیر ۱۴۰۳
|۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 5, 2024
वक्त को गनीमत जाना
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क़ुरआन की रौशनी में:
अल्लाह की याद को ग़नीमत समझिए
हौज़ा/हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनेई ने कहां,आज हमारे क्रांतिकारी समाज और हमारी मोमिनीन जनता को इसी रूहानी आराम और सुकून की ज़रूरत है,लोगों को ये सुकून और संतोष अपने अंदर ज़्यादा से ज़्यादा पैदा करना चाहिए।