हौज़ा / आयतुल्लाह आराफी ने कहा: रूहानी तरक़्क़ी तभी मुमकिन है जब इंसान अपने भीतर की बेदारी, ज़हनी होशियारी और दिल की निगहबानी को मजबूत करे, क्योंकि इंसान की रूह शैतानी फुसफुसाहटों और नफ़्सानी…
हौज़ा / नौजवानों में वस्वास आम तौर पर बेचैनी और बेकारी की वजह से पैदा होता है। बार-बार समझाना या नसीहत करना इस मसले को बढ़ाता है, इलाज नहीं करता। बातों के बजाय बेहतर है कि बच्चे के लिए सुकूनभरा…