वाक़ेआ ए ग़दीर
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पूरी दुनिया में ईदे ग़दीर का जश्न
हौज़ा / आज गुरुवार 29 जुलाई को ईरान समेत पूरी दुनिया में ईदे ग़दीर का जश्न मनाया जा रहा हैं और साथ ही साथ एक दूसरे को मुबारकबादी पेश कर रहे हैं।
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:दिन की हदीस
ईदे ग़दीर खुम के दिन पूर बरकत अमल
हौज़ा/ हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में ईदे ग़दीर खुम के दिन बेहतरीन अमल की ओर इशारा किए हैं।
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इंटरनेशनल पैमाने पर उर्दू ज़बान में ऑनलाइन किताब खवानी का इनामी मुकाबला
हौज़ा/ किताब,,ग़दीरे मोवद्दात,युवाओं के मानसिक स्तर को ध्यान में रखकर लिखी गई कहानी में कहानी की शैली को अपनाया गया है।और सरल तरीके से ग़दीर की सभी घटनाओं को विस्तार से बताया गया है ताकि नौजवानों को ग़दीर के बारे में अधिक से अधिक जानकारी मिल सके।
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रईसुल वाएज़ीन मौलाना सैयद कर्रार हुसैनः
ग़दीर हमारी पहचान है
हौज़ा / जंगल की आग शायद इतनी तेजी से न फैली हो जितनी कि ग़दीर की घटना और ख़िलाफ़ते अली इब्न अबी तालिब (अ.स.) की घोषणा एक शहर से दूसरे शहर में फैल गई और लोगों तक पहुँच गई ... अल्लाह और उसके रसूल ने इस वाक़ेए पर जोर दिया और उसे आश्चर्यचकित कर दिया। उन्होंने उत्साहपूर्वक दुनिया के सामने पेश फ़रमाया कि हाजेरीन बज़्मे ग़दीर सहाबा और हुज्जाज को उल्लेख किए बिना ना चैन मिल सकता था और ना शांति मिल सकती थी, उनका दिमाग घूम रहा था और उनके पेट में ऐंठन हो रही थी। ग़दीर की इस घोषणा के सिलसिले में, जिस सभा पर आश्चर्यों का पहाड़ गिरा है और जो सभा तीन दिन से अधिक समय से प्रशंसा की नदी में डूबी हुई है, वह चुप कैसे रह सकती है...?
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वाक़ेआ-ए ग़दीर और दूसरी तारीख़ी हादसात
हौज़ा / यह ग़दीर है, जिसके अनुयायी मज़लूमो के साथ और ज़ुल्म के खिलाफ खड़े हैं, क्योंकि ग़दीर का वाक़ेआ दूसरे तारीख़ी हादसात की तरह नहीं है, बल्कि एक मानव निर्मित घटना है। इसलिए हमे ग़दीर का मुबल्लिग बनना है।