हौज़ा / इंतज़ार का मतलब है उस भविष्य का बेसब्री से इंतज़ार करना जिसमें एक दिव्य समाज के सभी गुण हों, और इसका एकमात्र उदाहरण अल्लाह के आखरी ज़ख़ीरे की हुकूमत का दौर है।
हौज़ा / धार्मिक शिक्षाएँ इस बात पर जोर देती हैं कि सिर्फ़ «सामाजिक राहत» और «सामाजिक सुधार» और «भविष्य की आशा» का ज़िक्र करना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि इंसान को निराशा से भी दूर रहना चाहिए।