हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, "एक संक्षिप्त समीक्षा में, वे रिवायतें जो 'इंतज़ार' की बात करती हैं, दो मुख्य भागों में बाँटी जाती हैं:
इंतज़ार फ़र्ज का सामान्य अर्थ
धार्मिक शिक्षाएँ इस बात पर ज़ोर देती हैं कि केवल «सामूहिक राहत» «सामाजिक सुधार» और «भविष्य की आशा» का वर्णन करना ही बहुत नहीं है, बल्कि निराशा को भी निंदनीय माना जाता है।
इस्लामी शिक्षाओं में आशा और इंतजार की सामान्य भावना पर इतना ध्यान दिया गया है कि इसे सबसे उच्च श्रेणी की उपाधियाँ और महत्वपूर्ण मूल्य दिए गए हैं। कुछ इस प्रकार हैं:
इबादत और बंदगी
क़ुरआन और अहले-बैत (अ) हमें सिखाते हैं कि सृष्टि का मुख्य उद्देश्य अल्लाह की बंदगी करना है। (ज़ारियात 51:56)
रसूल-ए-पाक (स) ने इस बंदगी के एक रूप के राहत की उम्मीद का इंतजार करना बताया है। इस बात को अपने हदीसों में भी बताया गया है।
اِنتِظارُ الفَرَجِ عِبَادَةٌ इंतेज़ारुल फ़र्जे इबादतुन
इंतेज़ार फ़र्ज इबादत है। (शेख तूसी, आमाली, पेज 405)
जैसे कि ज़्यादातर इबादतें इंसान के आचरणों (व्यवहारों) में आती हैं, इसलिए यहाँ 'इंतजार' से भी मतलब एक विशेष प्रकार के आचरणों और व्यवहारों की एक श्रृंखला है।" यह एक तरह का विशेष व्यवहारिक समूह होता है जो उम्मीद और विश्वास के साथ जुड़ा होता है।
सर्वश्रेष्ठ इबादत
कुछ इबादतें दूसरी इबादतों से श्रेष्ठ होती हैं; इसलिए इनका करना न केवल धार्मिक शिक्षाओं में ज़ोर दिया गया है, बल्कि इन्हें ज्यादा इनाम भी दिया जाता है और इनका दमन व्यक्ति को और अधिक रूप में बनाता है।
रसूल-ए-पाक (स) ने इंतेज़ार फ़र्ज को अल्लाह की इबादतों में गिनने के बाद इसे सबसे श्रेष्ठ इबादत बताया और फ़रमाया:
اَفضَلُ العِبادَةِ اِنتِظارُ الفَرَجِ अफ़ज़लुल इबादते इंतेज़ारुल फ़र्ज
सबसे श्रेष्ठ इबादत इंतजार फ़र्ज है। (कमालुद्दीन व तमामुन नेअमत, भाग 1, पेज 287)
सर्वोत्तम काम
कभी-कभी इसे पैग़म्बर (स) की उम्मत के सर्वोत्तम कार्यों के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।
पैग़म्बर ए इस्लाम (स) इस संबंध में फ़रमाते हैं:
اَفْضَلُ اَعْمالِ اُمَّتِی اِنتظارُ الفَرَجِ مِنَ اللَّهِ عَزَّوَجَلَّ अफ़ज़लो आमाले उम्मती इंतेज़ारुल फ़र्जे मिनल्लाहे अज़्ज़ा व जल्ल
मेरी उम्मत के सबसे सर्वोत्तम कार्यों में इंतजार फ़र्ज है। (कमालुद्दीन व तमामुन नेअमत, भाग 2, पेज 644)
फ़र्ज होना खुद फ़र्ज है
आज की मनोविज्ञान की शोधों से यह सिद्ध हुआ है कि आशा और उम्मीद का सामाजिक व्यवहारों में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। दूसरे शब्दों में, एक उज्ज्वल और सुंदर भविष्य की उम्मीद वर्तमान जीवन को भी रोशन और सक्रिय बना देती है।
कुछ धार्मिक कथनों में इस मूल्यवान सत्य की ओर इशारा किया गया है कि खुद इंतजार फ़र्ज भी एक प्रकार का फ़र्ज और खुलासा है।
इस विषय में इमाम सज्जाद (अ) ने फ़रमाया:
اِنتِظارُ الفَرَجِ مِنْ اَعظَمِ الفَرَجِ इंतेज़ारुल फ़र्ज़े मिन आज़मिल फ़र्जे
इंतेजार फ़र्ज, सबसे बड़ी राहतों में से एक है। (कमालुद्दीन व तमामुन नेअमत, भाग 1, पेज 319)
सबसे श्रेष्ठ जेहाद
धार्मिक शिक्षाओं में जेहाद और अल्लाह की राह में कोशिश सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तिगत और सामाजिक कार्यों में गिने जाते हैं। कुरआन की आयतें और कई हदीसें इस महत्वपूर्ण कर्म की महत्ता को रेखांकित करती हैं।
इंतज़ार फ़र्ज के महत्व पर अनेक ऐसी हदीसें मौजूद हैं, जो यह दिखाती हैं कि इंतज़ार को सिर्फ एक जिहाद ही नहीं, बल्कि "सबसे श्रेष्ठ जिहाद" भी माना गया है। इस प्रकार की हदीसों से यह स्पष्ट होता है कि इंतज़ार एक सक्रिय कर्म है।
रसूल ए पाक (स) ने इंतज़ार फ़र्ज को अपनी उम्मत के सबसे श्रेष्ठ जेहाद के रूप में वर्णन किया है:
اَفْضَلُ جِهادِ اُمَّتی اِنْتِظارُ الفَرَجِ अफ़ज़लो जेहादे उम्मती इंतेज़ारुल फ़र्जे
मेरी उम्मत का सर्वश्रेष्ठ जेहाद इंतेज़ार फ़र्ज है। (तोहफ उल उकूल, पेज 37)
परन्तु उपर्युक्त शिक्षाओं के विपरीत, परवरदिगार की रहमत से निराशा और हतोत्साह अत्यंत निंदनीय है और इसे बड़े पापों में गिना गया है। (सूर ए यूसुफ, सूरा नम्बर 12, आयत 87):
श्रृंखला जारी है ---
इक़्तेबास : "दर्स नामा महदवियत" नामक पुस्तक से से मामूली परिवर्तन के साथ लिया गया है, लेखक: खुदामुराद सुलैमियान
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