शेख अंसारी (4)
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आदर्श समाज की ओर (इमाम महदी अलैहिस्सलाम से संबंधित श्रृंखला) भाग - 38
धार्मिकविलायत ए फ़क़ीह की दलीले (नक़ली दलीले)
हौज़ा / इमाम महदी (अलैहिस्सलाम) की ग़ैबत के समय, शिया उनके उपासकों को चाहिए कि जो भी नए मसले सामने आएं, वे हदीस के विश्वसनीय रिवायत करने वालों की ओर रुख करें। यह साफ़ है कि मासूम इमामों (अलैहिस्सलाम)…
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विद्वानो के वाकेआत !
धार्मिकशेख अंसारी की अपने छात्रों को दी गई तीन महत्वपूर्ण सलाह
हौज़ा / स्वर्गीय अयातुल्ला सय्यद अबुल कासिम देहकरदी एक घटना का वर्णन करते हैं कि एक दिन जब वह पाठ सुनने के लिए घर से निकले तो वह फातेहा पढ़ने के लिए जवाद मलकीताब नजफी की कब्र पर रुके। उसी समय…
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आयतुल्लाहिल उज़्मा वहीद खुरासानी:
उलेमा और मराजा ए इकरामतक़वा और शिक्षा उच्च पद प्राप्त करने का मार्ग है
हौज़ा /आयतुल्लाहिल उज़्मा वहीद ख़ुरासानी ने कहा: जो लोग उच्च पद प्राप्त करते हैं वे वह होते हैं जो शिक्षा को तक़वा के साथ जोड़ते हैं। जितना अधिक तक़वा होगा, ग़ैब से उतनी ही अधिक सहायता मिलेगी।
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विद्वानो के वाकेआत !
धार्मिकपैग़म्बर (स) की नज़र में शेख अंसारी का विशेष स्थान
हौज़ा / शेख अंसारी अपनी ज़िन्दगी में मेरे (पैग़म्बर अक़रम [स]) बच्चों और नस्ल के प्रति अत्यधिक सम्मान दिखाते थे, इस हद तक कि आप में से कोई भी आलिम इस मामले में उनकी बराबरी नहीं कर सका। इसलिए,…