शैतान (12)
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इत्रे क़ुरआन ! सूर ए नेसा
हौज़ा हाय इल्मियाशैतान के अनुयायियों का अंजाम: ना छुटकारा, ना निजात
हौज़ा / यह आयत हमें चेतावनी देती है कि यदि कोई व्यक्ति शैतान के बहकावे में आकर पाप का मार्ग चुनता है तो उसका निवास नर्क होगा और वह किसी भी हालत में वहां से बाहर निकलने का रास्ता नहीं खोज पाएगा।…
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इत्रे क़ुरआन ! सूर ए नेसा
हौज़ा हाय इल्मियाशैतान के झूठे वादे और भ्रामक आशाएँ
हौज़ा / यह आयत हमें चेतावनी देती है कि शैतान झूठी आशाएँ और निराधार इच्छाएँ पैदा करके लोगों को धर्म से दूर ले जाने का प्रयास करता है। उसके सारे वादे महज धोखे हैं और हमें उनसे बचना चाहिए। एक सच्चा…
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!इत्रे क़ुरआनः सूर ए नूर
हौज़ा हाय इल्मियाअल्लाह की राह में जिहाद बनाम ताग़ूतत की राह में लड़ना
हौज़ा/ यह आयत हमें स्पष्ट निर्देश देती है कि ईमानवालों को अपना संघर्ष अल्लाह की राह में समर्पित करना चाहिए और अत्याचारी और शैतानी ताकतों के खिलाफ खड़ा होना चाहिए। जो ईमानवाले अल्लाह की राह में…
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इत्रे क़ुरआन ! सूर ए आले इमरान
हौज़ा हाय इल्मियाकुछ पाप मनुष्य के पथभ्रष्टता और उसके भीतर शैतान के प्रभाव की प्रस्तावना हैं
हौज़ा | जो लोग पाप नहीं करते उन पर शैतान की फुसफुसाहटों का अप्रभावी होना। धर्म के शत्रुओं के विरुद्ध युद्ध के मैदान से बचना एक शैतानी चाल है।
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आयतुल्लाह सईदीः
ईरानशैतान मानवजाति का क्रूर शत्रु और सभी उपद्रवों की जड़ है
हौज़ा / हरम मासूमा (स) के संरक्षक ने कहा: शैतान का धोखा यह है कि वह लोगों को अपनी ओर आकर्षित करके अपने शब्दों में झूठ छिपाता है।