हौज़ा/वसवास बिल्कुल परहेज़ गारी नहीं हैं, और शरीयाते इस्लाम में यह एक अवांछनीय कार्य हैं,वसवास मनुष्य की सूजबुझ कि सलाहियत की क्षमता को प्रभावित करता है। इसका स्रोत इच्छाशक्ति की कमज़ोरी हैं,…