۱۵ تیر ۱۴۰۳
|۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
|
Jul 5, 2024
शैतान का धोखा
Total: 1
-
वसवसों से मुक्ति के लिए हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्सा सैय्यद अली हुसैनी सिस्तानी का दस्तुरूल अमल
हौज़ा/वसवास बिल्कुल परहेज़ गारी नहीं हैं, और शरीयाते इस्लाम में यह एक अवांछनीय कार्य हैं,वसवास मनुष्य की सूजबुझ कि सलाहियत की क्षमता को प्रभावित करता है। इसका स्रोत इच्छाशक्ति की कमज़ोरी हैं, जैसा की हदीसों में आया हैं कि"" यह शैतान के वसवसों में से एक हैं।