हौज़ा / आयतुल्लाह उलमा ने कहा,हज़रत अमीरुल मोमिनीन (अ) स्वयं फरमाते हैं,أنا القرآن الناطق" यानी "मैं बोलता हुआ क़ुरान हूँ। वे इलाही ज्ञान के प्रतीक और "لسان الله" (अल्लाह की वाणी) हैं, और उनका…