हौज़ा/अल्लाह तआला ने इंसान को ऐसा पैदा किया है कि उसे तरबियत की ज़रूरत है बाहर से भी उसकी तरबियत होनी चाहिए और अंदर से भी वह ख़ुद अपनी तरबियत करें।