۱۰ مهر ۱۴۰۳ |۲۷ ربیع‌الاول ۱۴۴۶ | Oct 1, 2024
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हौज़ा/अल्लाह तआला ने इंसान को ऐसा पैदा किया है कि उसे तरबियत की ज़रूरत है बाहर से भी उसकी तरबियत होनी चाहिए और अंदर से भी वह ख़ुद अपनी तरबियत करें।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,अल्लाह ने इंसान को ऐसा पैदा किया है कि उसे तरबियत की ज़रूरत है। बाहर से भी उसकी तरबियत होनी चाहिए और अंदर से वह ख़ुद अपनी तरबियत करे।

फ़िक्री मसलों के बारे में यह तरबियत दो तरह की है। एक इंसान की सोच और उसकी तार्किक ताक़त की तरबियत है जो शिक्षा के ज़रिए हासिल होती है और दूसरी मन और आत्मिक ताक़तों की तरबियत, ग़ुस्सा और हवस कंट्रोल करने की तरबियत है जिसे तज़किया (मन की पाकीज़गी) कहा जाता है।

अगर इंसान की तालीम सही हो और उसका मन पाक हो तो वह उस तैयार पदार्थ की तरह है जिसने किसी मुनासिब कारख़ाने में अपने मद्देनज़र रूप हासिल कर लिया हो और कमाल को पहुंच गया हो।

इस दुनिया में भी उसका वजूद भलाई व बरकत, दुनिया के विकास और इंसानों के दिलों के आबाद होने का सबब है और जब वह दूसरी दुनिया में पहुंचेगा और परलोक में क़दम रखेगा तो उसका रुतबा वही होगा जिसकी सभी इंसान शुरू से लेकर अब तक तमन्ना रखते रहे हैं, यानी मुक्ति, यानी हमेशा की मुक्ति और जन्नत।

इमाम ख़ामेनेई,

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