हौज़ा / पैग़म्बर (स) ने एक रिवायत में एक ऐसे काम का ज़िक्र किया है जिसे उन्होंने ज़िंदगी भर नहीं छोड़ा।
हौज़ा / इमाम हुसैन (अ) ने एक रिवायत में सबसे कमज़ोर और कंजूस लोगों की ओर इशारा किया है।