सायरा इब्राहिम
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ज़ैनबी किरदार वाली माताएँ और बहने ही आज के यज़ीद से लड़ सकती हैंः सायरा इब्राहीम
हौज़ा / इमाम हुसैन (अ.स.) की शहादत का उद्देश्य अम्र बिल मारूफ और नही अज़ मुनकर करना था और इस सुन्नत को समाज में अभ्यास करने की आवश्यकता है। अम्र बिल मारूफ़ और नही अज़ मुनकर हर आदमी और आस्तिक की जिम्मेदारी है दुर्भाग्य से, इस दायित्व को त्याग दिया है।
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कुद्स दिवस न केवल इस्लाम का मुद्दा है बल्कि मानवता का भी है, सुश्री सायरा इब्राहिम
हौज़ा / शांति कार्यकर्ता यूक्रेन में हुई हत्याओं से बहुत दुखी हैं और एक तरफ से आवाज उठाई जा रही है लेकिन ये शांति कार्यकर्ता फिलिस्तीन, यमन, इराक या अफगानिस्तान को नहीं देखते हैं।
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जीत हमेशा उन्हीं की होती है जो गुलामी की बेड़ियां तोड़ते हैंः सायरा इब्राहीम
हौज़ा / गुलामीकी सोच रखने वाला कभी मुसलमान नहीं हो सकता क्योंकि इस्लाम हमें आजादी सिखाता है और किसी यहूदी की गुलामी किसी मुसलमान को बर्दाश्त नहीं करनी चाहिए।
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गिलगित-बल्टिस्तान में दुखद दुर्घटनाएं एक दैनिक घटना बन गई हैं: सायरा इब्राहीम
हौज़ा / मजलिस-ए-वहदत मुस्लेमीन महिला विभाग की केंद्रीय नेता ने कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान विधानसभा में बैठे बड़े राजनेता जो नफरत, भाषा विज्ञान, संप्रदायवाद, पूर्वाग्रह, राष्ट्रवाद और नस्लवाद को बढ़ावा देना जानते हैं लेकिन दुर्भाग्य से वे गिलगित की समस्याओं से बेखबर हैं। बाल्टिस्तान समस्याओं के समाधान के लिए कदम न उठाएं।