हज़रत अली
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:दिन कि हदीस
हटधर्मी का परिणाम
हौज़ा / हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में हटधर्मी के परिणाम की ओर इशारा किया हैं।
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:दिन कि हदीस
कम बोलने के फायदे
हौज़ा/ हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में कम बोलने के फायदे को बयान किया हैं।
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:दिन कि हदीस
ज़ुल्म का अंजाम
हौज़ा/हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में ज़ुल्म के अंजाम की ओर इशारा किया हैं।
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:दिन कि हदीस
ईद कुर्बान के बारे में हज़रत अली अ.स. की सलाह
हौज़ा/ हज़रत इमाम अली अ.स.ने एक रिवायत में ईदे कुर्बान के बारे में सलाह दी हैं।
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:दिन कि हदीस
मौत की हक़ीक़त
हौज़ा/ हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में मौत के बारे में एक अहम बिंदु की ओर इशारा किया हैं।
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:दिन कि हदीस
सखावत करो, फ़ज़ूलखर्ची से बचें!
हौज़ा/हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में सखावत और किफायत के दरमियान बराबरी करने की नसीहत की हैं।
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अगर हज़रत हमज़ा (अ.स.) जीवित होते, तो कोई भी सक़ीफ़ा में अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) का अपमान करने का साहस नही करता
हौज़ा / हज़रत हमज़ा (अ.स.) सीरा और इस्लामी सभ्यता कालेज के प्रयासो से क़मु मे शहादत दिवस के अवसर पर मदरसा ए इमाम खुमैनी (र.अ.) के क़ुद्स हॉल में एक समारोह आयोजित किया गया।
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:दिन कि हदीस
अहले बैत अलैहिमुस्सलाम को याद करने की बरकते
हौज़ा/ हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में अहले बैत अलैहिमुस्सलाम को याद करने की बरकतो कि ओर इशारा किया हैं।
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जामेअतुल कौसर इस्लामाबाद में अज़ीम नहजुल बालाग़ा सम्मेलन
सुन्नी स्रोतों में मौला अली (अ.स.) की 15200 हदीसें मौजूद हैं, अल्लामा शेख मोहसिन अली नजफी
हौजा / शेखुउल जामिया ने मौला अली (अ.स.) की मज़लूमियत का उल्लेख करते हुए यह तथ्य व्यक्त किया कि सुन्नी स्रोतों में मौला की 15200 हदीसें हैं जबकि प्रकाशित केवल 500 हदीसे हुई हैं। आपने नहजुल बलाग़ा के प्रकाशन को सराहते हुए अपने हाथो से मौलाना मकबूल हुसैन अल्वी को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए शील्ड प्रदान की।
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:दिन की हदीस
मौज मस्ती कि निंदा
हौज़ा/ हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में मौज मस्ती(लहू व लअब) में डुबे रहने वालो की कड़ी निंदा की है।
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:दिन की हदीस
किसी कार्य में सोच विचार करने का फायदा
हौज़ा/हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में किसी कार्य को करने में सोच विचार करने और उसके महत्व को समझने की ओर इशारा किया है।
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:दिन की हदीस
हज़रत इमाम अली अ.स. कि महत्वपूर्ण सलाह
हौज़ा/ हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में अल्लाह तआला की अताआत के रास्ते में सांस लेने की नसीहत की है।
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:दिन की हदीस
दिल को ज़िंदा रखने के बारे में हज़रत अली अ.स. की सलाह
हौज़ा/ हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में नसीहत से दिल को ज़िंदा रखने पर ज़ोर दिया है।
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आयतुल्लाह हसन ज़ादेह आमुली के निधन पर इत्तेहादुल मुस्लेमीन ने शोक व्यक्त किया
हौज़ा / जम्मू-कश्मीर इत्तेहादुल मुस्लेमीन के अध्यक्ष मौलाना मसरूर अब्बास अंसारी ने प्रख्यात विद्वान रब्बानी, आरिफ बिल्लाह आयतुल्लाह हसन जा़देह आमुली के निधन पर गहरा दुख और शोक व्यक्त किया है।
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मदरसा नबियों के मार्ग की निरंतरता है
हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मलिकी ने मदरसा को नबियों के मार्ग की निरंतरता के रूप में वर्णित करते हुए कहा: हौज़ा ए इल्मिया का मतलब नबियों, अलवी और हुसैनी शैली का वर्णन करना है। धार्मिक छात्रों को इस पद को महत्व देना चाहिए और अपने दिव्य मिशन को अच्छी तरह से निभाना चाहिए।
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आयतुल्लाहिल उज़्मा मज़ाहेरी:
अल्लाह की बख़शिश किन लोगो के शामिले हाल नही होती?
हौज़ा / आयतुल्लाह मजाहेरी ने कहा: क्षमा और दरगुज़र एक ऐसा गुण है जिसे भुला दिया गया है। उन्होंने कहा: आज लोग एक-दूसरे को माफ और दरगुज़र नहीं करते हैं और इस गुण को भुला दिया गया है।
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:दिन की हदीस
हज़रत इमाम अली अ.स. का कर्बला से गुज़रने का माजरा
हौज़ा/ हज़रत इमाम मोहम्मद बाकिर अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में अमीरुल मोमिनीन अलैहिस्सलाम के कर्बला से गुज़रने के माजरे की ओर इशारा किए हैं।
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:दिन की हदीस
शियाने अहले बैत (अ.स.) के पहले पेशवा की नसीहत
हौज़ा/ हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में काम,पेशा,वगैरह में ज़हमत व तकलीफ पर सब्र करने की ताकीद की है।
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शमील शम्सीः
दुनिया भर मे जश्न ए ईद ए ग़दीर का जोश ओ ख़रोश जारी!
हौज़ा / रसूल-अल्लाह हज़रत मुहम्मद स0 के आंख बंद करते ही हज़रत अली के स्थान पर एक अंतरिम पेशवा के तौर पर हज़रत अबुबक्र को ख़लीफा नियुक्त कर दिया गया और तर्क दिया गया कि दूर दूर तक फैले इस्लामी देशों मे कोई और अपने को ख़लीफा नियुक्त ना कर दे इस लिए अंतरिम तौर पर हज़रत अबुबक्र का ख़लीफा बनाया जाना ज़रूरी था। जो कि एक हास्यास्पद तर्क था ये वही बात हुई की आप की जेब कोई काट सकता था इसीलिए हमने काट ली।
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वाक़ेआ-ए ग़दीर और दूसरी तारीख़ी हादसात
हौज़ा / यह ग़दीर है, जिसके अनुयायी मज़लूमो के साथ और ज़ुल्म के खिलाफ खड़े हैं, क्योंकि ग़दीर का वाक़ेआ दूसरे तारीख़ी हादसात की तरह नहीं है, बल्कि एक मानव निर्मित घटना है। इसलिए हमे ग़दीर का मुबल्लिग बनना है।
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दिन की हदीस
अपने नफ्स को कैसे कंट्रोल करें
हौज़ा/ इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में इंसानी नफ्स के असीर करने के तरीके की ओर इशारा किये हैं।
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:दिन की हदीस
लोगों के नेक किरदार का संबंध अधिकारियों के किरदार से होता है।
हौज़ा/ हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में लोगों के नेक किरदार का संबंध अधिकारियों के अच्छे ताल्लुक कि ओर इशारा किए हैं।
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ईरान के इस्लामी गणराज्य के पूर्व मंत्री हुज्जतुल इस्लाम सैय्यद अली अकबर मोहताशमीपुर का निधन हो गया है।
हौज़ा/ईरान के इस्लामी गणराज्य के पूर्व मंत्री और विश्वविद्यालय के सदस्य, हुज्जतुल-इस्लाम सैय्यद अली मोहताशमीपुर निधन कर गाये।
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खतीबे हरमे हज़रत फातिमा मासूमा (स.अ.):
इस्लाम के पैगंबर (स.अ.व.व.) की नजर में सामूहिक और व्यक्तिगत कठिनाइयों का उन्मूलन
हौज़ा / हौज़ा-ए इल्मिया क़ुम के शिक्षक ने इस्लाम के पैगंबर (स.अ.व.व.) द्वारा अमीर अल-मोमेनीन (अ.स.) को सिखाई गई एक परंपरा का जिक्र करते हुए कहा कि अनुशंसित कर्मों (मुस्तहब आमाल) के बजाय, अनिवार्य कर्मों को किया जाना चाहिए, दुनिया को याद करने के स्थान पर पररलोक को याद किया जाना चाहिए। कई सामूहिक और व्यक्तिगत कठिनाइयाँ दूसरों को दोष देने के बजाय अपने स्वयं के दोषों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, बहुत अधिक इबादत करने के बजाय गुणवत्तापूर्ण इबादत करनी चाहिए और लोगों के सामने अपनी आवश्यकताओं को प्रस्तुत करने के बजाय अल्लाह से विनती करनी चाहिए।
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:दिन की हदीस
इस तरह से सच को पहचानें
हौज़ा/ इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में हक़ गो को पहचानने के तरीके की ओर इशारा किया है।
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:दिन की हदीस
अच्छी बात या अच्छा अमल!?
हौज़ा/ इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में फ़सिह और बलिग़ गुफ्तगू करने से ज़्यादा दुरुस्त और सही अमल अंजाम देने की ताकिद कि है।
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:दिन की हदीस
ज़ुहूरे इमामे ज़माना(अ.स.)के इंतजार के बारे में इमाम जाफर सादिक अ.स. की नसीहत
हौज़ा/ हज़रत इमाम जाफर सादिक अ.स. ने एक रिवायत में दिन रात इमामे ज़माना अलैहिस्सलाम के ज़ुहूरे के इंतजार की नसीहत की है.
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:दिन की हदीस
ईदुल फितर के दिन की अज़मत
हौज़ा/हज़रत इमाम अली (अ.स.)ने एक रिवायत में ईदुल फितर के दिन की अज़मत कि ओर इशारा किये है
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:दिन की हदीस
ज़काते फितरा देंना रोज़े के तक्मील का सबब हैं।
हौज़ा/ हज़रत इमाम जाफर सादिक (अ.स.)ने एक रिवायत में ज़काते फितरहा की अदायगी को रोज़े की तक्मील का सबब कहां हैं।