हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "मन ला यहज़रूल फाकिह" पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام العلی علیہ السلام
وَ إِنَّ هذا يَوْمٌ حُرْمَتُهُ عَظِيمَةٌ وَ بَرَكَتُهُ مَأْمُولَةٌ وَالْمَغْفِرَةُ فِيهِ مَرْجُوَّةٌ، فَاَكْثِرُوا ذِكْرَاللّه ِ تَعالى وَاسْتَغْفِرُوهُ وَ تُوبُوا اِلَيْهِ اِنَّهُ هُو التَّوّابُ الرَّحيمُ
हज़रत इमाम अली अ.स.ने फरमाया:
आज के दिन की हुर्मत बहुत ज़्यादा हैं, इसकी बरकत बजा और मग़फिरत की उम्मीद पसंदीदा है ,पस ईस दिन अल्लाह तआला का ज़िक्र ज़्यादा करो और तौबा व इस्तेग़फार करो कि वह तौबा कुबूल करने वाला हैं।
मन ला यहज़रूल फाकिह,भाग 1,पेंज 520