हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "उसूले काफी " पुस्तक से लिया गया है। इस रिवायत का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام العلی علیه السلام
ما أنزَلَ المَوتَ حَقَّ مَنزِلَتِهِ مَن عَدَّ غَداً مِن أجَلِهِ؛
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया:
जिसने आने वाले कल को अपनी जिंदगी का हिस्सा क़रार दिया उसने मौत को हक़ीक़त को नहीं पहचाना,
उसूले काफी,भाग 3,पेंज 259,हदीस नं 30